ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं दुर्गति नाशिन्ये महामायाये स्वाहा।
इस मंत्र को पवित्र हो कर १० बार जपने से दुः स्वप्न सुखप्रद हो जाता है।
श्री विष्णुसहस्त्रनाम, गजेन्द्र मोक्ष, दुर्गा सप्त शती आदि का पाठ दुः स्वप्न नाशक होता है।
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