Sunday, October 4, 2009
गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र
भगवत पुराण अष्टम स्कंध के तीसरे अध्याय में गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र दिया गया है। इसमे कुल तैतीस श्लोक है। इनको प्रतिदिन पढ़ना पित्तर दोष से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करता है। स्वयं पूर्वाभिमुख होकर आसन पर बैठे तथा सामने श्री विष्णु भगवान् की तस्वीर विराज मान कर देशी घी का दीपक प्रज्वलित करें और अपनी समस्या का स्मरण कर गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र का पाठ करें। पाठ की समाप्ति पर हाथ में जल लेकर जप को भगवान् को समर्पित करें व हाथ के जल को भूमि पर छोड़ दे और भूमि को स्पर्श कर अपने माथे पर लगायें।
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