Tuesday, June 15, 2010

दुर्गाजी का सिद्ध मंत्र

ॐ ह्रीं दुं दुर्गाये नमः।
इस मंत्र के जपने से वाक सिद्धि, पुत्र प्राप्ति, शत्रुओं पर विजय, रोग मुक्ति, सुख आदि संभव है।

Monday, June 14, 2010

भैरव सर्व फलप्रद स्तोत्र

भं भैरवाय अनिष्ट निवारणाय स्वाहा।
मम सर्वे ग्रहा : अनिष्ट निवारणाय स्वाहा।
ज्ञानं देहि , धनं देहि, मम दारिद्र्य दुखं निवारणाय स्वाहा।
सुतं देहि , यशं देहि, मम गृह क्लेशं निवारणाय स्वाहा।
स्वास्थ्य देहि , बलं देहि, मम शत्रु निवारणाय स्वाहा।
सिद्धं देहि, जयं देहि, मम सर्वे ऋण : निवारणाय स्वाहा ।
ॐ भं भैरवाय अनिष्ट निवारणाय स्वाहा।