Saturday, August 22, 2009

लालितासहत्रनाम पाठ

जो भक्त प्रतिदिन इस स्तोत्र का पाठ नही कर सकता है, उसे पुण्य दिनों में इसका पाठ अवश्य करना चाहिए। अपनी स्त्री के तथा पुत्र के जन्म नक्षत्रों, नवमी, शुक्लपक्ष की चतुर्दशी, शुक्रवार तथा विशेष करके पूर्णमासी के दिन इसका पाठ अवश्य करें। स्वयं के जन्मदिवस, पत्नी के जन्मदिवस तथा पुत्र के जन्म दिवस पर भी लालितासहस्त्र नाम का पाठ करें।

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