Friday, August 28, 2009

श्री सूक्त

महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए श्री सूक्त सरल, सहज एवं तुंरत प्रभावकारी उपाय है। श्री सूक्त का पाठ जो व्यक्ति नित्य करता है अथवा जो व्यक्ति श्री सूक्त को ध्यान मग्न होकर सुनता है, उसके ऊपर महालक्ष्मी की कृपा स्थाई रूप से बनी रहती है इसमे कोई संदेह नही है।

गणेश जी का संतान प्राप्ति स्तोत्रं

नमोस्तु गण नाथाय सिद्धि बुद्धि युताय च। सर्व प्रदाय देवाय पुत्र वृद्धि प्रदाय च।

गुरु दराय गुरवे गोप्त्रे गुह्य सिताय ते। गोप्याय गोपिता शेष भुवनाय चिदात्मने ॥

विश्वमूलाय भव्याय विश्व स्रष्टि कराय ते। नमो नमस्ते सत्याय सत्य पूर्णाय शुन्द्दिने ॥

एकदंताय शुद्धाय सुमुखाय नमो नमः । प्रपन्न जनपालनाय प्राण तार्ति विनाशिने ॥

शरणम् भवं देवेश संतति सु दृढं कुरु। भविष्यन्ति च ये पुत्रा मत्कुले गण नायक ॥

ते सर्वे तव पूजार्थ निरताः स्युर्वरो मतः । पुत्रप्रद मिदं स्तोत्रं सर्व सिद्धि प्रदायकं॥

विघ्न नाश के लिए गणेश स्तोत्रं

परं धाम परं ब्रह्म परेशं परमीश्वरम । विघ्न निघ्न्करम शान्तं पुष्टं कान्त्मनंत्क्म॥
सुरसुरेंद्रे : सिद्धेंद्रे : स्तुतं स्तौमि परात्परं । सुरपद्म दिनेशं च गणेशं मंग्लायतम ॥
इदं स्तोत्रं महापुण्यं विघ्न शोकं हरं परम । यः पठेत प्रात रुत्थाय सर्व विघ्नात प्रमुच्यते ॥

लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गणेश स्तोत्र

ॐ नमो विघ्नराजाय सर्वसौख्याप्रदयिने। द्रष्टारिष्टविनाशाय पराय परमात्मने ॥
लम्बोदरं महावीर्य नाग्यग्योपशोभितम। अर्ध्चन्द्रधरम देव विघ्न व्यूह विनाशनम॥
ॐ ह्रां, ह्रीं, ह्रूं ह्रे ह्रौं ह्रं : हेरम्बाय नमो नमः। सर्व्सिद्धिप्रदोसि त्वं सिद्धिबुद्धि प्रदो भव ॥
चिन्तितार्थ्प्रदस्तव हि, सततं मोदकप्रिय : । सिंदुरारून वस्त्रेस्च पूजितो वरदायकः ॥
इदं गणपति स्तोत्रं यः पठेद भक्तिमान नरः । तस्य देहं च गेहं च स्वयं लक्ष्मिर्ण मुंचति ॥

इस स्तोत्र का दीपावली की रात्रि में १०८ बार पाठ कर सिद्ध कर ले, तत्पश्चात प्रत्येक दिन प्रातः काल इस स्तोत्र का पाठ करे। इस स्तोत्र का पाठ करने से घर में धन धान्य की वृद्धि होती है।

Saturday, August 22, 2009

लालितासहत्रनाम पाठ

जो भक्त प्रतिदिन इस स्तोत्र का पाठ नही कर सकता है, उसे पुण्य दिनों में इसका पाठ अवश्य करना चाहिए। अपनी स्त्री के तथा पुत्र के जन्म नक्षत्रों, नवमी, शुक्लपक्ष की चतुर्दशी, शुक्रवार तथा विशेष करके पूर्णमासी के दिन इसका पाठ अवश्य करें। स्वयं के जन्मदिवस, पत्नी के जन्मदिवस तथा पुत्र के जन्म दिवस पर भी लालितासहस्त्र नाम का पाठ करें।

लालितासहस्त्र नाम की महिमा

इस स्तोत्र के पाठ से सभी रोगों से छुटकारा मिल जाता है। और सभी प्रकार की समृधि मिलती है। इससे ज्वर आदि की पीड़ा दूर होती है तथा दीर्घ जीवन की प्राप्ति होती है। संतान हीन को संतान प्राप्त होती है। और चारों प्रकार के पुरुषार्थ की प्राप्ति होती है।
जो पुरूष गंगा आदि तीर्थ स्थानों में करोडो जन्मो में स्नान करता है अथवा काशी में करोड़ शिव लिंगो की प्रतिष्ठा करता है जो भक्त वेदों के ज्ञाता ब्राह्मणों को कुरुक्षेत्र तीर्थ में जाकर अनेक बार भार परिमित सुवर्ण का दान देता है। जो गंगातट पर करोड़ों अश्वामेघों को करता है और निर्जल मरुभूमि में करोड़ों कुँए निर्मित करता है जो अकाल पड़ने पर प्रतिदिन करोड़ ब्राह्मणों को भोजन कराता है। वह हज़ार वर्षों तक उससे करोड़ों गुना पुण्य इस लालितासहस्त्रनाम का एक बार पाठ करने से प्राप्त करता है।

पारदेश्वर मंत्र

ॐ ह्रीं तेजसेश्रीं कामसे क्रीं पूर्णत्व सिद्धि।
देहि ॐ पार्देश्वारय नमः क्रीं श्रीं ह्रीं ॐ ॥
जिसके घर में पारद शिव लिंग होता है उस व्यक्ति पर भगवती लक्ष्मी , अन्नपुर्णा और कुबेर की कृपा बनी रहती है।

धन प्राप्ति साधना

जिमी सरिता सागर महूँ जाही , यद्यपि ताहि कामना नाही ।
तिमि सुख सम्पति बिनहि बोलाए , धरम सील पहँ जाही सुभाए ॥
प्रति दिन प्रातः काल इस मंत्र का १०८ बार जप करें। इससे धन की प्राप्ति होती है।

Saturday, August 8, 2009

एकाक्षी नारियल को पूजने का मंत्र

ॐ श्रीं ह्रीं ऐं महालक्ष्मी स्वरूपाय एकाक्षी नारिकेलाय नमः सर्व सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा।

श्री जानकी जी के दर्शन के लिए

जनकसुता जग जननि जानकी । अतिसय प्रिय करुनानिधान की॥

श्री सीताराम दर्शन के लिए

नील सरोरुह नील मणि, नील नीलधर श्याम ।
लाजही तन शोभा निरखि कोटि कोटि सत काम ॥

Tuesday, August 4, 2009

मन की शान्ति के लिए राम मंत्र

राम राम कहि राम कहि। राम राम कहि राम॥
प्रभु राम की तरफ़ ध्यान केंद्रित कर नेत्र बंद करके अधिक से अधिक जप करें। इस प्रयोग को २१ दिन तक करे । तत्पश्चात इस मंत्र के प्रयोग से मन प्रभु राम में लीन हो जाता है जिससे मन को शान्ति मिलती है।

Monday, August 3, 2009

संकट टालने का मंत्र

जो प्रभु दीनदयाल कहावा । आरति हरन बेद जस गावा॥
जपहि नामु जन आरत भारी। मिटहि कुसंकट होहिं सुखारी ॥
दीनदयाल बिरद सम्भारी । हरहु नाथ मम संकट भारी ॥
प्रभु राम की प्रतिमा के सामने लाल कम्बल के आसन पर रात भर इस मंत्र के जप से संकट टल जाते है।

राम भक्ति भावना बढ़ाने का मंत्र

सीताराम चरण रति मोरे।
अनुदिन बढ़ाऊ अनुग्रह तोरे॥
सुबह उठने के पश्चात् इस मंत्र को १०८ पढ़ना चाहिए। इस मंत्र से श्री राम जानकी के प्रति भक्ति भावना बढ़ती है

हनुमानजी से कार्य करवाने का मंत्र

कवन सो काज कठिन जग माही।
जो नही होई तात तुम पाही॥
मंगलवार के दिन हनुमानजी को सिंदूर का चोला चढा कर इस मंत्र के १०००० जप करे। इस तरह हनुमानजी को अपना कार्य कराने के लिए प्रेरित किया जाता है।

भाग्य जगाने का मंत्र

मंत्र महामुनि विषय ब्याल के।
मेटत कठिन कुअंक भाल के॥

हल्दी की गांठ की माला बना करके इस मन्त्र की ग्यारह माला प्रतिदिन करने से भाग्य की विडम्ब नाओ का नाश होता है।

रोग मिटाने का राम मंत्र

राम कृपा नासहि सब रोगा।
जौं एही भांति बने संजोगा॥

विद्या प्राप्ति का मंत्र

गुरु गृह गए पढ़न रघुराई।
अल्प काल विद्या सब आई॥

यात्रा की सफलता का मंत्र

प्रबिसि नगर कीजे सब काजा।
ह्रदय राखि कौशलपुर राजा ॥
१०००० बार जपकर इस मंत्र को सिद्ध करले। जब भी यात्रा पर जाए, थोडे जल को इस मंत्र से सात बार शक्तिकृत करके अपने आगे और ऊपर छिड़अकले, आप जिस उद्देश्य से यात्रा पर जायेंगे उसमे सफलता मिलेगी।

कुबेर मंत्र

यछाया कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये धन धान्य समृधि में देही दापय स्वाहा।

भगवान् शंकर ने इस मंत्र को रावण को बताया था।
मंत्र प्रयोग से पहले गणपति की साधना जरुरी है ।

महालछ्मी प्रयोग

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालछ्म्ये नमः

महालछ्मी का यह मंत्र असाधारण फल प्रदान करने वाला है