Saturday, October 17, 2009
स्वयं सिद्ध मन्त्र
यह हनुमान जी का पंचाक्षरी मन्त्र है जो की स्वयं सिद्ध है। श्री हनुमान जी के इस मन्त्र में स्थित ॐ के माध्यम से पर ब्रह्मा परमात्मा की कृपा, श्री के माध्यम से श्री लक्ष्मी अर्थात माता जानकी जी की कृपा, राम के माध्यम से श्री हनुमान जी के प्रिय श्री रामजी की कृपा प्राप्त होती है। जब भक्त इस मन्त्र का जप करते है तब श्री हनुमान जी इस मंत्र के माध्यम से हमारी पुकार सुनकर हमारे शरीर में सर्व शक्तियों के साथ विराजमान हो जाते है। श्री हनुमान जी श्री राम के परम भक्त एवं सेवक है इसलिए अपने नाम दूताय के पूर्व अपने प्रभु श्री राम का स्मरण सुन कर श्री हनुमान जी अत्यन्त प्रसन्न होते है और मन्त्र के माध्यम से हमारी पुकार सुन कर तुंरत इस बात का संदेश अपने प्रभु श्री राम को देते है। प्रभु श्री राम भी अपने परम भक्त श्री हनुमान के मुख से संदेश सुन कर अति प्रसन्न होते है और भक्त पर अपनी विशेष कृपा दृष्टि बरसाते है क्योंकि भगवान श्री राम की यह नीति है की उन्हें अपने सेवक के सेवक अति प्रिय होते है।
माता तुलसी की प्रसन्नता हेतु
श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वृंदा वन्ये स्वाहा
Saturday, October 10, 2009
आर्थिक समृद्धि का मन्त्र
ह्रीं श्रीं ह्रीं
यह मंत्र आर्थिक समृद्धि के साथ साथ धन धान्य, भवन, वाहन, कीर्ति, प्रतिष्ठा भी प्रदान करता है। इस मन्त्र की प्रतिदिन ११ मालाएं करने से ६ महीने में अच्छे परिणाम मिलने लगते है।
गोपाल सहस्त्रनाम
दीपावली पर किए जाने वाले उपाय
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडा ये विच्चे ।
यह प्रयोग दीपावली से आरम्भ करके प्रति दिन करते रहे। सुख समृद्धि हेतु अचूक फल दायी है।
Wednesday, October 7, 2009
अचानक आए संकट से मुक्ति के लिए
१) ॐ चैतन्य गोरक्ष नाथाय नमः
२) ॐ चैतन्य कानिफ नाथाय नमः
३) ॐ चैतन्य मछिन्द्र नाथाय नमः
८ दिन प्याज, लहसुन आदि तामस आहार न करें।
गृह क्लेश दूर करने के लिए
बुधवार के दिन से आठ दिन तक लगातार १०८ दुर्वाकुर, एक लड्डू, और सिंदूर लेकर गणेशजी के मन्दिर में जाए। गणपतिजी को सिंदूर का तिलक लगाये, लड्डू चढाये। फिर १०८ बार उपरोक्त मन्त्र को पढ़े। प्रत्येक मंत्र पर एक दुर्वाकुर गणपतिजी को चढाते जाए। यह विधि सुबह बिना कुछ खाए करें ।
दीपावली पर
Sunday, October 4, 2009
दरिद्रता निवारण का चमत्कारी मंत्र
यह मंत्र सौभाग्य, सम्पदा, मोक्ष एवं सभी प्रकार की उन्नति के लिए अत्यन्त ही अनुकूल है, यह अत्यन्त सरल और महत्वपूर्ण है उन लोगों के लिए जो गृहस्थ है और ज्यादा विधि विधान नही कर सकते है। दस लाख बार जपने से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है। स्त्रियों के लिए यह मंत्र विशेष उपयोगी माना गया है , इससे गृहस्थ जीवन सुखमय रहता है तथा मृत्यु के बाद निश्चय ही विष्णु लोक को जाता है। पूजन कक्ष में प्राण प्रतिष्ठित लक्ष्मी यन्त्र के सामने यह प्रयोग अधिक श्रेष्ठ रहता है। यन्त्र और स्वयं को इत्र लगाकर साधना करने से निश्चित सफलता मिलती है।
आरोग्य एवं सौभाग्य दायक मंत्र
रूपं देहि जयं देहि, यशो देहि द्विषो जहि॥
बाधा मुक्ति दायक मंत्र
मनुष्यों मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः ॥
आर्थिक समृद्धि के लिए मंत्र
इस मन्त्र के पाँच लाख जप करने चाहिए ।
गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र
Tuesday, September 22, 2009
हनुमान चालीसा
इसी प्रकार सुन्दरकाण्ड के पाठ का विकल्प "ॐ हं हनुमते नमः" मन्त्र का १०८ बार जप प्रतिपादन है।
Monday, September 14, 2009
लालितासहस्त्र नाम
Sunday, September 13, 2009
नौकरी अथवा साक्षात्कार के लिए मंत्र
विश्व भरण पोषण कर जोई, ताकर नाम भरत अस होई।
गई बहोर गरीब नेवाजू , सरल सबल साहिब रघुराजू ॥
शीघ्र विवाह के लिए मंत्र
तव जनक पाय वसिष्ठ आय सु ब्याह साजी संवारी के।
मांडवी श्रुति की रति उरमिला कुंअरी लई हंकारी के ॥
शीघ्र विवाह के लिए मंत्र
सुनि सिय सत्य असीस हमारी।
पूजिहि मन कामना तिहारी ॥
Friday, September 11, 2009
श्री सूक्त
Friday, September 4, 2009
आसुरी वृत्तियों से बचाव का मंत्र
रात्री में सोते समय इस मंत्र का जाप करने से भूत प्रेत एवं आसुरी, मलिन वृत्तियों का भय नही रहता ।
दुः स्वप्न नाशक मंत्र
इस मंत्र को पवित्र हो कर १० बार जपने से दुः स्वप्न सुखप्रद हो जाता है।
श्री विष्णुसहस्त्रनाम, गजेन्द्र मोक्ष, दुर्गा सप्त शती आदि का पाठ दुः स्वप्न नाशक होता है।
Tuesday, September 1, 2009
श्री राम का लक्ष्मी दायक मंत्र
आपदाम अपहर्तारं दातारं सर्व सम्पदाम।
लोकाभिराम श्री राम भूयो भूयो नमाम्यहम॥
Friday, August 28, 2009
श्री सूक्त
गणेश जी का संतान प्राप्ति स्तोत्रं
नमोस्तु गण नाथाय सिद्धि बुद्धि युताय च। सर्व प्रदाय देवाय पुत्र वृद्धि प्रदाय च।
गुरु दराय गुरवे गोप्त्रे गुह्य सिताय ते। गोप्याय गोपिता शेष भुवनाय चिदात्मने ॥
विश्वमूलाय भव्याय विश्व स्रष्टि कराय ते। नमो नमस्ते सत्याय सत्य पूर्णाय शुन्द्दिने ॥
एकदंताय शुद्धाय सुमुखाय नमो नमः । प्रपन्न जनपालनाय प्राण तार्ति विनाशिने ॥
शरणम् भवं देवेश संतति सु दृढं कुरु। भविष्यन्ति च ये पुत्रा मत्कुले गण नायक ॥
ते सर्वे तव पूजार्थ निरताः स्युर्वरो मतः । पुत्रप्रद मिदं स्तोत्रं सर्व सिद्धि प्रदायकं॥
विघ्न नाश के लिए गणेश स्तोत्रं
सुरसुरेंद्रे : सिद्धेंद्रे : स्तुतं स्तौमि परात्परं । सुरपद्म दिनेशं च गणेशं मंग्लायतम ॥
इदं स्तोत्रं महापुण्यं विघ्न शोकं हरं परम । यः पठेत प्रात रुत्थाय सर्व विघ्नात प्रमुच्यते ॥
लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गणेश स्तोत्र
लम्बोदरं महावीर्य नाग्यग्योपशोभितम। अर्ध्चन्द्रधरम देव विघ्न व्यूह विनाशनम॥
ॐ ह्रां, ह्रीं, ह्रूं ह्रे ह्रौं ह्रं : हेरम्बाय नमो नमः। सर्व्सिद्धिप्रदोसि त्वं सिद्धिबुद्धि प्रदो भव ॥
चिन्तितार्थ्प्रदस्तव हि, सततं मोदकप्रिय : । सिंदुरारून वस्त्रेस्च पूजितो वरदायकः ॥
इदं गणपति स्तोत्रं यः पठेद भक्तिमान नरः । तस्य देहं च गेहं च स्वयं लक्ष्मिर्ण मुंचति ॥
इस स्तोत्र का दीपावली की रात्रि में १०८ बार पाठ कर सिद्ध कर ले, तत्पश्चात प्रत्येक दिन प्रातः काल इस स्तोत्र का पाठ करे। इस स्तोत्र का पाठ करने से घर में धन धान्य की वृद्धि होती है।
Saturday, August 22, 2009
लालितासहत्रनाम पाठ
लालितासहस्त्र नाम की महिमा
जो पुरूष गंगा आदि तीर्थ स्थानों में करोडो जन्मो में स्नान करता है अथवा काशी में करोड़ शिव लिंगो की प्रतिष्ठा करता है जो भक्त वेदों के ज्ञाता ब्राह्मणों को कुरुक्षेत्र तीर्थ में जाकर अनेक बार भार परिमित सुवर्ण का दान देता है। जो गंगातट पर करोड़ों अश्वामेघों को करता है और निर्जल मरुभूमि में करोड़ों कुँए निर्मित करता है जो अकाल पड़ने पर प्रतिदिन करोड़ ब्राह्मणों को भोजन कराता है। वह हज़ार वर्षों तक उससे करोड़ों गुना पुण्य इस लालितासहस्त्रनाम का एक बार पाठ करने से प्राप्त करता है।
पारदेश्वर मंत्र
देहि ॐ पार्देश्वारय नमः क्रीं श्रीं ह्रीं ॐ ॥
जिसके घर में पारद शिव लिंग होता है उस व्यक्ति पर भगवती लक्ष्मी , अन्नपुर्णा और कुबेर की कृपा बनी रहती है।
धन प्राप्ति साधना
तिमि सुख सम्पति बिनहि बोलाए , धरम सील पहँ जाही सुभाए ॥
प्रति दिन प्रातः काल इस मंत्र का १०८ बार जप करें। इससे धन की प्राप्ति होती है।
Saturday, August 8, 2009
एकाक्षी नारियल को पूजने का मंत्र
श्री जानकी जी के दर्शन के लिए
श्री सीताराम दर्शन के लिए
लाजही तन शोभा निरखि कोटि कोटि सत काम ॥
Tuesday, August 4, 2009
मन की शान्ति के लिए राम मंत्र
प्रभु राम की तरफ़ ध्यान केंद्रित कर नेत्र बंद करके अधिक से अधिक जप करें। इस प्रयोग को २१ दिन तक करे । तत्पश्चात इस मंत्र के प्रयोग से मन प्रभु राम में लीन हो जाता है जिससे मन को शान्ति मिलती है।
Monday, August 3, 2009
संकट टालने का मंत्र
जपहि नामु जन आरत भारी। मिटहि कुसंकट होहिं सुखारी ॥
दीनदयाल बिरद सम्भारी । हरहु नाथ मम संकट भारी ॥
प्रभु राम की प्रतिमा के सामने लाल कम्बल के आसन पर रात भर इस मंत्र के जप से संकट टल जाते है।
राम भक्ति भावना बढ़ाने का मंत्र
अनुदिन बढ़ाऊ अनुग्रह तोरे॥
सुबह उठने के पश्चात् इस मंत्र को १०८ पढ़ना चाहिए। इस मंत्र से श्री राम जानकी के प्रति भक्ति भावना बढ़ती है
हनुमानजी से कार्य करवाने का मंत्र
जो नही होई तात तुम पाही॥
मंगलवार के दिन हनुमानजी को सिंदूर का चोला चढा कर इस मंत्र के १०००० जप करे। इस तरह हनुमानजी को अपना कार्य कराने के लिए प्रेरित किया जाता है।
भाग्य जगाने का मंत्र
मेटत कठिन कुअंक भाल के॥
हल्दी की गांठ की माला बना करके इस मन्त्र की ग्यारह माला प्रतिदिन करने से भाग्य की विडम्ब नाओ का नाश होता है।
रोग मिटाने का राम मंत्र
जौं एही भांति बने संजोगा॥
विद्या प्राप्ति का मंत्र
अल्प काल विद्या सब आई॥
यात्रा की सफलता का मंत्र
ह्रदय राखि कौशलपुर राजा ॥
१०००० बार जपकर इस मंत्र को सिद्ध करले। जब भी यात्रा पर जाए, थोडे जल को इस मंत्र से सात बार शक्तिकृत करके अपने आगे और ऊपर छिड़अकले, आप जिस उद्देश्य से यात्रा पर जायेंगे उसमे सफलता मिलेगी।
कुबेर मंत्र
भगवान् शंकर ने इस मंत्र को रावण को बताया था।
मंत्र प्रयोग से पहले गणपति की साधना जरुरी है ।
महालछ्मी प्रयोग
महालछ्मी का यह मंत्र असाधारण फल प्रदान करने वाला है